SEVEN TOP NEWS : बांदा में क्या हुआ जिससे खबर बनी टॉप, आइए जाने


अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

स्वच्छ सर्वेक्षण में टाप फाइव में शामिल हो बांदाः डीएम

  • समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

बांदा। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की तैयारी के सम्बन्ध में बैठक जिलाधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें सफाई व्यवस्था, डोर टू डोर कचरा संग्रह एवं प्रथककरण की स्थिति, सार्वजनिक, सामुदायिक शौचालयों का रख रखाव एवं संचालन, ओ0डी0एफ0, ओ0डी0एफ0 प्लस प्लस की स्थिति, जी0एफ0सी0 स्टार रेटिंग की स्थिति, स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के अन्तर्गत एस0एल0पी0 सिटीजन फीडबैक एवं थर्ड पार्टी सत्यापन की समीक्षा बिन्दुवार की गयी। 

जिसमें अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका परिषद बांदा, नगरपालिका परिषद अतर्रा, नगर पंचायत बबेरू, नगर पंचायत बिसण्डा, नगर पंचायत मटौंध, नगर पंचायत नरैनी एवं नगर पंचायत तिन्दवारी के अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद बांदा का स्थान टाप टाइप-5 में आना चाहिए तथा फीडबैक की संख्या भी बढायी जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाकान्त त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) अमिताभ यादव, डिप्टी कलेक्टर सौरभ यादव सहित उपरोक्त क्षेत्रों के अधिशाषी अधिकारी उपस्थित रहे।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जिला पूर्ति कार्यालय 

  • यूनिट जोड़ने के नाम पर 500 रूपये रिश्वत का आरोप
  • जिला पूर्ति अधिकारी का नहीं है कहीं भी संपर्क नंबर

बांदा। प्रदेश की योगी सरकार हर गरीब तबके के लोगों को हर महीने फ्री राशन देने की योजना चला रही है लेकिन बांदा के जिला पूर्ति कार्यालय के अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार में डूबे है जिनके द्वारा राशन कार्ड से गरीब लोगों के नाम काट दिए जाते हैं इसके बाद उनसे अवैध वसूली की जाती है यूनिट जोड़ने  के नाम पर 500 की मांग अगर आपको लाल राशन कार्ड बनवाना है तो 5000 की मांग की जाती हैं। आपको बता दें कि पूरा मामला बांदा जिले के जिला पूर्ति कार्यालय का है। पीड़ित रामबहादुर ने आरोप लगाते हुए बताया कि जिला पूर्ति कार्यालय में जिला पूर्ति अधिकारी उबेदुरहमान खान नहीं मिलते हैं कई बार जाने पर भी उनके जगह उनके इस दोनों मिलते हैं जिनके द्वारा राशन कार्ड के नाम पर धांधली की जाती है।

अगर कोई गरीब तबके के लोग राशन कार्ड में यूनिट जुड़वाने के लिए कहते हैं तो उनको वहां से यह कहकर भगा दिया जाता है कि बाहर से अपना यूनिट जुड़वा ले और सरकार द्वारा अभी यूनिट नहीं जोड़े जा रहे हैं जबकि वही पर अगर 500 रूपये पकड़ा दिया जाए तो तत्काल यूनिट जोड़ दिया जाता है। और लाल राशन कार्ड बनवाने के लिए 5000 रूपये की मांग की जाती है। पीड़ित का नाम नरैनी के कोटेदार के यहां जोड़ दिया गया है। जबकि पीड़ित जसपुरा कस्बे का रहने वाला है। जिससे उसे कई महीने से राशन नहीं मिल पा रहा है। जिसमें किसी गरीब व्यक्ति का जिसका लाल राशन कार्ड बना होगा उसका नाम बताना होगा नाम बताने पर तुरंत काटकर दूसरे के नाम जारी कर दिया जाता है 5000 रूपये लेकर कार्यालय में तैनात बाबू दिन भर फोन में मस्त रहते हैं जो किसी के भी कागज नहीं देखते हैं और उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है। 

अगर किसी कार्ड धारक को अपनी बात अधिकारी से फोन के माध्यम से बतानी हो तो वहां पर जिला पूर्ति अधिकारी का नंबर तक नहीं है बोर्ड में जो नंबर दर्शाया गया है वह वर्तमान में महोबा पूर्ति निरीक्षक का है जिससे कार्ड धारकों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।जब पूरे मामले की जानकारी जिला पूर्ति अधिकारी से लेनी चाहिए उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया।

उद्यान महाविद्यालय के छात्रो ने बनाया हर्बल गुलाल

  • रसायन युक्त रंगों के प्रयोग से बचने को किया प्रेरित

बांदा। होली के त्यौहार में विभिन्न रंगो के गुलाल बहुतायत में उपयोग मे लाया जाता है। प्रायः यह देखने को मिलता है कि रसायनयुक्त गुलाल से त्वचा, आखें व शरीर के अन्य अंग प्रभावित होते है। डाक्टरो कि माने तो यह रसायनयुक्त रंग व गुलाल घातक से लेकर बहुत ही घातक होते है। ऐसे में अगर गुलाल हर्बल अथवा प्राक्रतिक वनस्पतियो से बनाये गये हो तो उन्हे प्रयोग मे लाने से किसी भी तरह के नुकसान की सम्भावना कम या नही होती है। हर्बल गुलाल बनाने व उसे बिपणन हेतु तैयार करने कि अनोखी पहल छात्रो द्वारा किया गया है। ये छात्र बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के उद्यान महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष में अध्ययनरत है। उद्यान महाविद्यालय के छात्रों ने अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत यह हर्बल गुलाल तैयार किया है। छात्रों ने पुष्प एवं भू-सौन्दर्यीकरण विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री के.एस.तोमर  के दिशा निर्देशन में विभिन्न वनस्पतियों जैसे- गेदा, चुकन्दर, पलास इत्यादि के फूल एवं जड़ों का उपयोग करके 17 किलो हर्बल गुलाल इस होली पर बिक्री हेतु  तैयार किया है। उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा0 एस0वी0 द्विवेदी ने यह जानकारी दी।


डा0 द्विवेदी ने यह बताया कि छात्रो के द्वारा बनाया गया गुलाल रंगीन, खुशबूदार व बहुत ही चिकना है, जो कि त्वचा के लिये नुसकान दायक नही है। डा0 द्विवेदी ने अध्ययनरत छात्रो को ऐसे कार्य के लिये प्रोत्साहित करने की बात कही जिससे स्वरोजगार अपनाकर और लोगो को रोजगार दे सके। अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम  में छात्रों को उद्यमिता विकास द्वारा आत्मनिर्भर बनने का कौशल सिखाया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों द्वारा अपनी रुचि के हिसाब से विषय का चयन करते हैं तथा उस विषय में महारत हासिल कर स्वरोजगारी बनने के लिये आगे बढते है। 

कृषि एवं उद्यान विषयो मे अध्ययरत छात्र स्वरोजगारी बनने के लिये छः माह षिक्षण कार्यक्रम के तहत ही प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त करते है। प्राषिक्षण प्राप्त छात्रो को रूचि एवं आवष्यकतानुसार जागरूक एवं प्रषिक्षित किया जाता है। छात्रो द्वारा तैयार किये गये विभिन्न उत्पाद को विष्वविद्यालय परिसर अथवा स्थानिय बाजार मे मात्रा अनुसार विक्रय हेतु उपलब्ध कराया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों द्वारा बिक्री के उपरान्त जो भी लाभ मिलता है उसे छात्रों में ही वितरित कर दिया जाता है। ज्ञात हो कि पूर्व में इस महाविद्यालय के तीन छात्र हिमान्शु दिक्षित, लवलेश मिश्रा व सिमरन सिंह ने बडे पैमाने पर अपने उद्योग स्थापित कर कई लोगो को रोजगार दिया है।

निर्माण कार्य अधूरा, भुगतान हो गया पूरा

  • क्षेत्र पंचायत सदस्य ने खण्ड विकास अधिकारी से शिकायत
  • जांच कर कार्यवाही की मांग

बांदा। अधूरे निर्माण को कार्य पूरा दिखाकर प्रशासक काल में ठेकेदार ने सचिव से सांठ-गांठ कर पूरा भुगतान करा लिया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य ने खण्ड विकास अधिकारी नरैनी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की है। खण्ड विकास अधिकारी को दिये शिकायती पत्र में क्षेत्र पंचायत सदस्य अजय यादव ने बताया है कि तुर्रा बुगलन पुरवा में वार्ड नं 13 में नाला निर्माण कार्य आधा-अधूरा होने के बावजूद भी प्रशासक कार्यकाल में पूरा पैसा निकाल लिया गया है। उन्हांने जांच कर कार्यवाही की मांग करते हुए निर्माण कार्य को पूरा कराये जाने की भी मांग की है।

वर्षों की पुरानी ट्यूमर की गांठ से फरीद को मिली राहत

  • असंभव को संभव कर दिया डक्टर ईशान दीक्षित ने 

बांदा। जिला चिकित्सालय में ईएनटी विशेषज्ञ डाक्टर ईशान दीक्षित ने पीड़ित के 22 साल पुरानी ट्यूमर की गांठ आपरेशन कर पीड़ित को राहत की सांस दिलाई है। आपरेशन कामयाब होने पर पीड़ित युवक के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जानकारी के अनुसार डाक्टर ईशान दीक्षित ने बताया कि करीबन 2 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद ऑपरेशन कर फरीद की ट्यूमर के ढाई सौ ग्राम को गांठ को उसके शरीर से अलग कर दिया मरीज को डॉक्टर फिलहाल अपनी निगरानी में रखे हुए है। 

परिजनों ने बताया कि 22 साल से हमने बहुत सा इलाज कराया पहले कई दिनों तक अंग्रेजी इलाज चला फिर लोगों ने बताया कि देशी इलाज कराओ ठीक हो जाएगा तो हमने देशी इलाज भी कराया पर पीड़ित को कोई आराम नहीं मिला इस चक्कर में हमारे काफी पैसे भी खर्च हो गए फिर हमें एक लोगों ने बताया कि बांदा में जिला चिकित्सालय में ईएनटी विशेषज्ञ ईशान दीक्षित को दिखा तो फिर हम डॉक्टर साहब को दिखाया तो डॉक्टर साहब ने  ऑपरेशन की सलाह दी।

फिर मरीज कोठी में भेज दिया फिर ओपीडी में करीब 2 घंटे ऑपरेशन के बाद पीड़ित के ढाई सौ ग्राम ट्यूमर की गांठ को बाहर निकाला और डॉक्टर अपनी निगरानी में अभी रखे हुए हैं परिवार वालों ने डॉक्टर आभार जताया डॉक्टर इंसान ने बताया कि वह पूरी सेवा भाव के साथ मरीजों की सेवा करते हैं उनकी कोशिश की यही रहती है कि मरीज पूरी तरह से सही सलामत अपने घर पहुंचे।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) पर विशेष : बच्चों को असाध्य रोगों से बचाता है टीका 

  • रूढ़िवादी परंपराओं से बच्चों में आती है विकृति
  • संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए टीकाकरण प्रभावी  

बांदा। किसी बीमारी के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता (इम्यूनिटी) विकसित करने के लिए जो दवा खिलाई/पिलाई या किसी अन्य रूप में दी जाती है, उसे टीका (वैक्सीन) कहते हैं। यह क्रिया ही टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए टीकाकरण सर्वाधिक प्रभावी एवं सबसे सस्ती विधि मानी जाती है। लेकिन रूढ़िवादी परंपराओं के चलते ग्रामीण क्षेत्र में कई बच्चे टीकाकरण से अछूते रह जाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें असाध्य रोगी बना देता है। 

हर साल 16 मार्च राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पहली बार 16 मार्च 1995 को मनाया गया था। इस दिन भारत में वर्ष 1995 में मुंह के माध्यम से पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके श्रीवास्तव बताते हैं कि टीके लगवाने के दिन अगर बच्चा मामूली रूप से बीमार रहे मसलन सर्दी-जुकाम, दस्त या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हो तब भी उसे समयानुसार टीके लगवाना सुरक्षित है। शिशु को टीके लगवाते समय अभिभावकों, परिजनों को एएनएम दीदी से टीके के प्रभाव के बारे में पूछना चाहिए। हर मां-बाप अपने बच्चों की टीकाकरण की तारीख व दिन याद रखें। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. संजय कुमार शैवाल बताते हैं कि शून्य से दो साल तक के बच्चों 6 तरह की जानलेवा बीमारियों से टीकों द्वारा बचाव किया जा सकता है। गर्भवती को टिटनेस के टीके जरूर लगवाने चाहिए, जिससे डिलीवरी के समय बच्चे को टिटनेस का डर न रहे। बच्चे के पैदा होते ही बीसीजी का टीका और पोलियो ड्रॉप्स पिलानी चाहिए। बीसीजी का टीका टीबी रोग से बचाव करता है। फिर डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाई जाती हैं, जिससे बच्चे की पोलियो से सुरक्षा होती है। पोलियो के साथ डीपीटी, पीलिया ‘बी’ और निमोनिया के तीन टीके डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में लगाए जाते हैं।

क्या है टीकाकरण

जिला महिला अस्पताल के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. एचएन सिंह बताते हैं कि बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर टीके लगाए जाते हैं, जिससे बच्चों के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। टीकाकरण से बच्चों को छह गंभीर संक्रामक रोगों से बचाया जाता है। इन रोगों की वजह से प्रतिदिन हजारों बच्चों की जान चली जाती है या वह अपंग हो जाते हैं। इन रोगों में खसरा, टेटनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी से रोग हैं। पोलियो के अतिरिक्त सभी टीके इंजेक्शन द्वारा दिए जाते है।

गर्भवती को लगते टिटनेस से बचाव के टीके

जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा. सुनीता सिंह बताती हैं कि गर्भवती को टिटनेस के टीके लगाकर उन्हें व उनके नवजात शिशुओं को टिटनेस से बचाया जाता है।

याद रखे

  • बच्चों मे बीसीजी का टीका, डीपीटी के टीके की तीन खुराके, पोलियो की तीन खुराकें व खसरे का टीका उनकी पहली वर्षगांठ से पहले अवश्य लगवा लेना चाहिए।
  • यदि भूलवश कोई टीका छूट गया है तो याद आते ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता/चिकित्सक से संपर्क कर टीका लगवाएं। यह सभी टीके उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला महिला अस्पताल पर निरूशुल्क उपलब्ध हैं।

  • टीके तभी पूरी तरह से असरदार होते हैं जब सभी टीकों का पूरा कोर्स सही उम्र पर दिया जाए।
  • मामूली खांसी,  सर्दी,  दस्त और बुखार की अवस्था में भी यह सभी टीके लगवाना सुरक्षित है।

दस्यु क्षेत्र में टीकाकरण हमेशा रहा चुनौती 

जिले का फतेहगंज क्षेत्र दस्यु प्रभावित रहा है। मध्य प्रदेश की सीमा से सटे होने की वजह से यह क्षेत्र शुरू से डकैतों का पसंदीदा रहा है। डकैतों का खौफ यहां के विकास कार्यों में भी बाधक है। प्रशासन के कड़े रुख के बाद फिलहाल यहां डकैतों का तो सफाया हो गया लेकिन लोगों के मन में इनका खौफ अभी भी है। फतेहगंज के गांवों में टीकाकरण पहले भी किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। वर्ष 2011 में मीज़ल्स कैचअप प्रोग्राम के तहत 9 माह से 10 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाने का लक्ष्य था। एक माह तक चले इस अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों में टीके लगाए गए। लेकिन यह इतना आसान नहीं था। आरआई राधा शर्मा बताती हैं कि इस अभियान में उन्होंने खुद भी इन क्षेत्रों में काम किया है। कल्याणपुर गांव के मजरा गोबरी गोड़रामपुर में टीकाकरण के लिए एएनएम मिथलेश श्रीवास्तव को पुलिस वैन में भेजा गया था। पुलिस विभाग के सहयोग से ही यहां बच्चों को टीका लगाने संभव हो सका।

क्या कहता है राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-05

  • वर्ष 2019-21 में 12 से 23 माह की उम्र के 64.9 प्रतिशत बच्चों को टीके लगाए गए। 
  • 95.0 प्रतिशत बच्चों को 12 स 23 माह की उम्र में बीसीजी से बचाव का टीका लगाया जा रहा है।
  • 12 से 23 माह के 65.6 फीसदी बच्चे पोलियो की खुराक ले चुके होते हैं। 
  • इसी आयुवर्ग के 73.5 फीसदी बच्चे पेंटा और डीपीटी वैक्सीन के टीके लगवा चुके होते हैं। इससे पहले यह आंकड़ा 69.1 फीसदी पर था।
  • 80.1 फीसदी बच्चों को खसरा से बचाव के टीके लग चुके होते हैं। इससे पूर्व 72.1 फीसदी बच्चों को ही खसरा से बचाव के टीके लग रहे थे।

खांटू श्याम के दरबार में भजनों पर जमकर झूमे हजारों भक्त 

  • फाल्गुन मास की ग्यारस को पतौरा में विराजे सीस के दानी भगवान
  • डीएम समेत आसपास के जिलों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने की शिरकत
बांदा। महुआ विकास खंड के पतौरा गांव में श्याम प्रेमियों की ऐसी धुन लगी कि समूचा क्षेत्र की खांटू धाम बन गया। श्याम रस की ऐसी बयार बही कि सभी श्याम प्रेमी झूम उठे। ग्राम प्रधान पतौरा विनीता त्रिपाठी और उनके पति वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश त्रिपाठी के संयोजन में पतौरा गांव में आयोजित खांटू श्याम जी संकीर्तन एवं भजन संध्या के दौरान कलाकारों ने जमकर धमाल मचाया। वहीं फूलों की होली ने कार्यक्रम के दौरान फाल्गुन मास और होलाष्टक की याद दिलाई। कलाकारों के एक गीत पर सैकड़ों श्याम प्रेमी देर तक झूमते रहे। कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र प्रयागराज और कानपुर से आई झांकियां रहीं। झांकी कलाकारों ने भगवान राधा-कृष्ण के स्वरूप का सजीव मंचन किया तो समूचा पंडाल मस्ती में झूमने लगा। कार्यक्रम में जिलाधिकारी अनुराग पटेल समेत जिले के तमाम संभ्रांत लोग और आसपास के जिलों के सैकड़ों श्रद्धालु देर रात तक डटे रहे।


सोमवार की शाम पतौरा गांव की छटा देखते ही बन रही थी, गांव की प्रधान विनीता त्रिपाठी और उनके पति वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश त्रिपाठी ने गांव में बाबा खांटू श्याम का दरबार सजाया और लोगों को भक्तिरस में गोते लगाते हुए झूमने पर विवश कर दिया। कानपुर की मां वैष्णवी जागरण पार्टी के कलाकारों के साथ ही दूर-दूर से आए कलाकारों ने ऐसी समां बांधी कि लोग बिना झूमे नहीं रह सके। संकीर्तन एवं भजन संध्या का शुभारंभ भगवान खांटू श्याम के दरबार की पूजा अर्चना व हवन के साथ हुई। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने भी पहुंचकर भगवान के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई और हवन में आहुति डाली। भजन संध्या की मुख्य कलाकारों में शामिल कानपुर की शैफाली द्विवेदी ने पहली ही प्रस्तुति में जब ताजमहल से भी प्यारा बाबा का दरबार है भजन प्रस्तुत किया तो माहौल में गजब का उत्साह भर गया। 

इसके बाद शैफाली ने लो आ गया अब तो तेरी श्याम मैं शरण आया, हारे के सहारे आ जा तेरा दास पुकारे आ जा आदि एक के बाद एक कई भजन सुनाकर समां ही बांध दी। शैफाली के भजनों की धुन पर पंडाल में मौजूद सभी भक्त झूम उठे। वहीं गुरसहायगंज कन्नौज के कलाकार संदीप मस्ताना ने बाबा खांटू श्याम की कथा का बखान किया और भगवान के बर्बरीक से खांटू श्याम बनने तक का संपूर्ण वृत्त गाकर सुनाया। इसके मस्ताना ने हम तो बाबा के भरोसे चलते हैं, सबके सहारे लाखों मुझे बस श्याम का सहारा है, श्याम सपनों में आता क्यूं नहीं, प्यारी सूरत दिखाता क्यूं नहीं आदि गीतों के माध्यम से समां बांधी। इसके बाद मप्र के इटारसी की दीपाली यादव ने गणेश वंदना के साथ अपनी प्रस्तुति की शुरूआत की और फिर श्रीरामचरित मानस की चौपाईयों के जरिए माहौल को भक्तिमय बनाया। इसके बाद दीपाली ने एक के बाद एक शानदार भजनों की प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। उन्होंने सेवा में थारी मने आज बिछ जाना, सांवरियो बैठो है जो चहिए सो मांग ले, लुट रहा लुट रहा रे मेरे श्याम का खजाना लुट रहा रे भजनों की प्रतुस्ति की। 


वहीं उन्होंने धारा तो बहर रही है श्री राधे नाम की, आता ही रहा सांवरा आता ही रहेगा भजनों को श्रद्धालुओं ने खूब सराहा। दीपाली के श्याम खांटू वाले के दर पर जो भी जाएगा, जय श्रीश्याम जपने वाला भवसागर तर जाएगा भजन के माध्यम से बाबा श्याम की महिमा का बखान किया। इसके बाद एक फिर से शैफाली द्विवेदी ने नजरें जरा मिला ले ऐ श्याम खांटू वाले के माध्यम से माहौला को भक्तिमय बना दिया। वहीं कानपुर के अनुज अलबेला, राजकुमार आदि ने भी अपने भजनों के दम पर लोगों को खूब झुमाया। इस मौके पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल के अलावा प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी, भाजपा जिला संयोजक संजय सिंह, बड़ोखर ब्लाक प्रमुख स्वर्ण सिंह सोनू, पूर्व चेयरमैन राजकुमार राज, भाजपा नेता अमित सेठ भोलू, डा.मनोज कुमार शिवहरे, सपा नेता पियूष गुप्ता, अंकित बासू, धनंजय मिश्रा, अभिनव गुप्ता, सुनील तिवारी, सुनील सक्सेना, शैलेंद्र शर्मा, ईडीसी कांट्रेक्टर यूनियन के िजलाध्यक्ष सचिन मिश्रा, आलोक त्रिपाठी, आदर्श त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी आदि शामिल रहे।

फूलों की होली में सराबोर हुए श्याम प्रेमी

खांटू श्याम संकीर्तन एवं भजन संध्या के दौरान प्रयागराज व कानपुर से आए झांकी कलाकारों ने जमकर धमाल मचाया। प्रयागराज के झांकी कलाकारों ने जब भगवान श्रीकृष्ण व राधा की सजीव झांकी प्रस्तुत की तो दर्शकों से खचाखच भरे पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं में धूम मच गई। कलाकारों ने फूलों की होली खेलकर सभी को फाल्गुन रस में सराबोर कर दिया। झांकी कलाकारों की धुन पर ही सभी श्रद्धालु भी झूमते रहे। झांकी कलाकारों ने जिलाधिकारी अनुराग पटेल समेत सभी श्रद्धालुओं को फूलों की वर्षा करके सराबोर कर दिया। फूलों की होली के दौरान कई कुंतल फूल बरसाए गए।


भगवान का गजरा और नजर उतारा रहा आकर्षण का केंद्र

संकीर्तन एवं भजन संध्या के बाद भगवान खांटू श्याम का गजरा और नजर का उतारा आकर्षण का केंद्र रहा। ग्राम प्रधान विनीता त्रिपाठी व वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश त्रिपाठी ने सपरिवार भगवान खांटू श्याम को गजरा भेंट किया और उनकी आरती उतारी। इसके बाद भगवान खांटू श्याम की नजर उतारने की रस्म निभाई गई। भगवान नजर उतारने वालों में होड़ मच गई और लोगों ने भगवान की नजर उतारकर भेंट चढ़ाई। इसके बाद भगवान खांटू श्याम के चरणों में छप्पन भोग का प्रसाद अर्पित किया गया। जिसे सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया, प्रसाद ग्रहण करके श्रद्धालुओं ने खुद को धन्य महसूस किया। 

झांकियों के आकर्षण में सुधबुध भूल बैठे श्रद्धालु

संकीर्तन एवं भजन संध्या के दौरान प्रयागराज व कानपुर से आए झांकी कलाकारों ने जमकर धमाल मचाया। प्रयागराज के कलाकारों ने राधा-कृष्ण की झांकी प्रस्तुत करके लोगों को भक्तिरस के साथ होली के रंगों में सराबोर किया तो कानपुर के कलाकारों ने एकल व युगल प्रस्तुति देकर दर्शकों को हंसाते हुए खूब मनोरंजन किया। सभी दर्शकों झांकियों की अनुपम छटा को देखकर भक्तिरस में झूम उठे।

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